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dastan no 13

* ﷽✨✨✨✨ *
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 _ * कहानी नंबर _13 *
 * Prayer "निंदा करने वाले की प्रार्थना स्वीकार नहीं की जाती है।"
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 * 3 “एक इस्राएली तीन साल  से यह कहते हुए प्रार्थना कर रहा था कि ईश्वर  उसे एक पुत्र अता करे. लेकिन उसकी प्रार्थना स्वीकार नहीं की गई।उसने ख़ोदा से कहा क्या मैं आपसे इतना दूर हूं कि आप मेरी प्रार्थना को स्वीकार नहीं करते हैं? कुछ दिनों बाद, एक व्यक्ति उसके सपने  में उसके पास आया और उसने कहा: आपका तीन साल से शुद्ध हृदय (ख़ुलुस)नहीं है, और आप ने  अशुद्ध रूप से, और गुनहगार जीभ से प्रार्थना की है।  इसीलिए आपके अभिवादन को स्वीकार नहीं किया गया। यदि आप चाहते हैं कि आपका आग्रह स्वीकार किया जाए, तो अपने हृदय को शुद्ध करें और फिर शुद्ध जीभ से ख़ोदा से प्रार्थना करें। आपका अभिवादन स्वीकार किया जाएगा।  उसके बाद उन्होंने पश्चाताप किया और ख़ोदा ने उनकी प्रार्थना को क़ुबूल किया । "*
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 * संदर्भ "कफी के मोहक सिद्धांत, मोहम्मद मोहम्मदी अददादी, पी, 500 *
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*✨✨✨✨✨ ﷽✨✨✨✨*
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☑ 13
*📖"بد زبانی کرنے والے كى دعا قبول نہيں ہوتى۔"*
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*✍🏻"بنى اسرائیل ميں سے ايک شخص خداوند متعال كى بارگاہ ميں تين سال دعا كرتا رہا تھا كہ خدا اس كو خدا بيٹا عطا كرے ليكن اس كى دعا قبول نہ ہوئى تو اس نے خدا كى بارگاہ ميں عرض كى كہ اے خدا كيا ميں تجھ سے دور ہوں كہ تو ميرى دعا قبول نہيں كرتا ؟ چند روز بعد عالمِ خواب ميں ايک شخص اس كے پاس آيا اور كہا كہ تم نے تين سال قلب ناپاک، اور نہ ہی خالصتاً اور اس حال ميں كہ تم بد زبان ہو کر  دعا كى ہے اور اس وجہ سے تمہارى دعا قبول نہيں ہوئى اگر چاہتے ہو كہ تمہارى دعا قبول ہو تو اپنے دل كو پاک كر لو اور پھر پاک زبان كے ساتھ خدا كى بارگاہ ميں دعا كرو تمہارى دعا ضرور قبول ہوگى۔ اس كے بعد اس نے توبہ كى اور خدا نے اس كى دعا كو مستجاب كر لی۔"*
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*📚حوالہ "داستانھاى اصول كافى، محمد محمدى اشتہاردى، ص، ۵۰۰"*
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*📿امام_زمانہ (عج) کے ظھور  میں  تعجیل  کے لئے صلوات___ألـلَّـھُــــــمَــ ؏َـجــــــــــِّـلْ لِوَلــــــیِـڪْ ألــــــــــْـفـــــَـرَج!📿*
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अमाले शबे कद्र हिंदी,amaal e shab e qadr in hindi,

Amaal-e-Shab-e-Qadr in Hindi* उन्नीसवी रात यह शबे क़द्र की पहली रात है और शबे क़द्र के बारे में कहा गया है कि यह वह रात है जो पूरे साल की रातों से अधिक महत्व और फ़ज़ीलत रखती है, और इसमें किया गया अमल हज़ार महीनों के अमल से बेहतर है शबे क़द्र में साल भर की क़िस्मत लिखी जाती है और इसी रात में फ़रिश्ते और मलाएका नाज़िल होते हैं और इमाम ज़माना (अ) की ख़िदमत में पहुंचते हैं और जिसकी क़िस्मत में जो कुछ लिखा गया होता है उसको इमाम ज़माना (अ) के सामने पेश करते हैं। इसलिए हर मुसलमान को चाहिए कि इस रात में पूरी रात जागकर अल्लाह की इबादत करे और दुआएं पढ़ता रहे और अपने आने वाले साल को बेहतर बनाने के लिए अल्लाह से दुआ करे। शबे क़द्र के आमाल दो प्रकार के हैं: एक वह आमाल हैं जो हर रात में किये जाते हैं जिनको मुशतरक आमाल कहा जाता है और दूसरे वह आमाल हैं जो हर रात के विशेष आमाल है जिन्हें मख़सूस आमाल कहा जाता है। वह आमाल जो हर रात में किये जाते हैं 1⃣ *ग़ुस्ल* (सूरज के डूबते समय किया जाए और बेहतर है कि मग़रिब व इशा की नमाज़ को इसी ग़ुस्ल के साथ पढ़ा जाय) 2⃣ दो रकअत नमाज़, जिसकी हर रकअत में एक बार सूरह *

बकरा ईद की नमाज़ का तरीक़ा।

 बकरा ईद की नमाज़* १. बकरा ईद की नमाज़ को जमाअत  के अलावा फुरादा नमाज़ करके भी अदा किया जा  सकता है । २.बकरा ईद की नमाज़ ज़ोहर से पहले कभी भी पढ़ी जा सकती है । ३. ये दो रकात की नमाज़ होगी  बस नियत करें की *नमाज़ ए बकरा ईद  पढ़ता हूं सुन्नत कुरबतन इल्लल्लाह* । पहली रकात में सुर ए अलहमद के बाद  सुरा ए अल-आला पढ़ें  *बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निररहिम* *सब्बे हिसमा रब्बिकल आ’ला अल्लज़ी ख़लक़ा फ़सव्वा वल्लज़ी क़द दरा फ़हादा वल्लज़ी अख़रजल मर’आ फजा'अलहु ग़ोसाअन अहवा सनुक़रेओका फला तनसा, इल्ला माँशा'अल्लाहो इन्ना हु यालामुल जहरा वमा यखफ़ा वनोयस्सीरुका लिल्युसरा फज़क्किर इन नफ़ा'अतिज़्ज़िकरा सयज़्ज़क्करो मयीं यख़शा व यतजन्नबोहल अशक़ा अल्लज़ी यस्लन नारल कुबरा सुम्मा ला यमूतो फीहा वला यहया क़द अफ़लहा मन तज़क्का वज़ाकरस मा रब्बेही फसल्ला बल तुअसेरूनल हयातद दुनिया वल आखीरतु खैरुन व अबक़ा इन्ना हाज़ा लफीस्सुहुफिल ऊला सुहुफ़े इब्राहीमा वा मूसा* । इसके बाद 5 बार तकबीर ‌*अल्लाह हो अकबर * कहे और हर तकबीर के बाद हाथ उठाकर नीचे दी हुई दूआ पढे़ याद रहे 5 बार पढ़नी है ये दुआ  *अल्ला हुम्मा अहलल किब

amal e shabe 15shbaan

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 🎍💐🌹आमाले शब-ए-बारात  🌹💐🎍 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 पन्द्रहवीं शब के आमाल की फजीलत बहुत है इस शब गुस्ल करे और इस शब की बरकतों में एक यह भी है कि इस रात इमाम मोहम्मद मेंहदी अलैहिस्सलाम की विलादत हुई है  🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 💐इस रात में कुछ नमाजे और कुछ दुआए है जो हम को अदा करनी चाहिए 🌹🌹जैसे🌹🌹⤵️ 💐इन को अदा करने के दो तरीके हैं ⤵️ 💐पहला तरीका है के दो दो कर के दस रकात नमाज़ पढ़े हर रकात में सूर-ए-फातिहा यानी सुर-ए-हम्द के बाद दस बार सूर-ए-कुल-हो-वल्लाह पढ़े  💐दूसरा तरीका है के दो दो कर के चार रकात नमाज़ पढ़े हर रकात में सूर ए फातिहा यानी सुर-ए-हम्द के बाद सौ बार सुर-ए-कुल-हो-वल्लाह पढ़े                  💐इस नमाज़ की नीयत इस तरह करे ⤵️ 💐दो रकात नमाज पढता / पढ़ती हूँ ( निमे शाबान कुर - बतन इलल्लाह ) 💐और इस तरह इस नमाज़ को अदा करे फिर तस्बी-ए-फातिमा पढ़े 🌹💐🌹💐🌹💐🌹💐🌹💐🌹💐 💐अब इस के बाद में कुछ तस्बी है जो हम को अदा करनी है ⤵️ 💐(1)💐  सुब्हानाल्लाह 💐(2) 💐अल्हम्दो लिल्लाह  💐(3) 💐अल्लाहो अकबर 💐(4) 💐ला इलाहा इल्लल्लाह 💐इमाम मुहम्मद बाक़