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Showing posts from July, 2020

आमाले दहवुल अर्ज़( यानी जिस दिन ज़मीन बिछाई गई)

आमाले दहवुल अर्ज़( यानी जिस दिन ज़मीन बिछाई गई) कल का दिन ज़मीन के निर्माण का दिन है,इस दिन के कुछ मखसूस आमल वारिद हुए है,जिनमें से अगर कोई इस दिन रोज़ा रखता है तो उसे 70 साल के रोज़ा रखने का सवाब मिलेगा। ➡️ आमाल। 1️⃣ रोज़ा 2️⃣ गुस्ल 3️⃣ दो रकत नमाज़ पढ़ना ज़ोहर के वक़्त जिसके पढ़ने का तरीका ये है कि हर रकात में सूरे हम्द के बाद पांच बार सुरे शम्श और नमाज़ के बाद पढ़े, ला हौला वला कूव्वता इल्ला बिल्ला हिल अलियुल अज़ीम,। 4️⃣जियारत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम। और बहुत सी दुवाओं का ज़िक्र मोफातिह में हुआ है अगर कोई पढ़ना चाहे तो पढ़ सकता है। share please contact us +989056936120 https://chat.whatsapp.com/FIWUARZSWJ3CRi91NbEeZr ❤️25ذی القعده..... دحوالارض  اس دن روزہ رکھنا  ستر 70 سال کے گناہوں کا کفارہ ہے  سال کے چار اہم دنوں میں سے ایک اہم اور عظیم دن (روزِ دحو الارض) ہے. یہ دن حضرت ابراھیم اور حضرت عیسیؑ کی پیدائش کا دن بھی ہے. یعنی 25 ذیقعدہ کا دن مورخہ 17 جولائی 2020،  بروز جمعہ . دحو الارض کے معنی زمین کو پھیلانے کے ہیں. ابتدا میں زمین کی پوری سطح، پانی سے ڈھکی ہوئی تھی.  اس پر

* इमाम रज़ा(अ,स) का मुनाज़ेरा,dastan no,57

* 🌹✨✨✨ بسمہ تعالی🌹✨✨✨ *        * * इमाम रज़ा(अ,स) का मुनाज़ेरा ! *                       कहानी नम्बर,57  इमाम अली रज़ा (अ.स.) इब्ने रामिन (फ़क़ीह) से पूछते हैं: हे इब्ने रामिन! मुझे बताओ, जब  पैगम्बर (स,) ने मदीना छोड़ा , तो उन्होंने किसी को अपना जानशीन बनाया था या नहीं? *  * इब्न रामिन ने उत्तर दिया: उन्होंने हज़रत अली (अ.स.) को अपना जानशीन बनाया था।  इमाम रज़ा (अ.स.) ने पूछा: हे रामिन तो कियुं, नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने मदीना के लोगों को जानशीन चुनने का आदेश नहीं दिया, जबकि आपकी राय में किसी भी सूरत में आप का इज्तेमा ग़लत नहीं हो सकता है। *  इब्ने रामिन ने उत्तर दिया:  पैगंबर (स,) को डर था कि मदीना के लोगों में कहीं इख्तेलफ़ और फितना हो सकता है। *  * इमाम: कोई बात नहीं, भले ही फितना और फसाद पैदा हो जाता , लेकिन जब अल्लाह के रसूल मदीना लौट आते, तो वो  इसे सही कर देते। *  * इब्ने रामीन: उन्होंने जो काम किया वह उचित और बेहतर था *  इमाम: तो इस आधार पर, पैगंबर (स,) ने किसी को अपनी वफात के बाद भी अपना जानशीन के रूप में मुंतखब किया होगा? *  * इब्ने Ramin: नहीं *  इमाम: क्या रसूले

* बेहतर जीवन के लिए पांच उसूल_ *dastan no 56

* ﷽✨✨✨✨ *  * • ⊰⊰✿✿⊱⊱ • •• *  * कहानी नंबर  *56  * * बेहतर जीवन के लिए पांच उसूल_ *  * • ⊰⊰✿✿⊱⊱ • •• *  * * हज़रत अली इब्ने अबी तालिब (अस)ने इरशाद फरमाया, आए कुमैल,किसी भी हाल में हक बोलने से गुरेज ना करो ,परहेजगार लोगों से दोस्ती रखो ,फासिकों और गुनाह गारों से  डरे रहो और ख़यानत करने वाले से दोस्ती ना करो  *👉🏻🔷🔹 *  * • ⊰⊰✿✿⊱⊱ • •• *  * * पहला उसूल_ *  * अपने पूरे जीवन में हक का समर्थन करें, चाहे  कठिन परिस्थितियों में हो या राहत में, चाहे आप सिंहासन पर हों या गरीबी में, जीवन के सभी हाल में सच बोलें और सत्य सुनें *  * _ दूसरा सिद्धांत_ *  * परहेजगार से दोस्ती रखें क्योंकि  मूत्तकी और परहेजगार लोग आपसे अल्लाह के लिए मित्रता करेंगे और जीवन की कठिन परिस्थितियों में आपको कभी अकेला नहीं छोड़ेंगे, उनकी मित्रता का लाभ यह है कि वे आपको गुनाह करने से रोकेंगे। *  * तीसरा सिद्धांत_ *  * गुनहगारों से दोस्ती न करें क्योंकि वे आपको और आपके परिवार को गुनाह से आलुदा करेंगे, इसलिए अपने और अपने परिवार की रक्षा के लिए गुनहगारों से मित्रता न करें *  4️⃣* चौथा सिद्धांत_ *  * हज़रत अली (अ.स.) ने हुक्मरा