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dastan no 15

* ﷽✨✨✨✨ *
 * ⊰⊰✿✿⊱⊱ ┈┈ •• *
 _ * कहानी नंबर _15 *
 * एक खूबसूरत वाक़ेया*
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 * * "एक कमजोर आदमी ने हरम में प्रवेश किया, और उसके बगल में बैठे युवक से कहा ... मुझे नहीं पता कि कैसे पढ़ना है। क्या आप मेरे लिए ज़ेयारत पढ़ेंगे ताकि मैं सुन सकूँ ...?  उसने क़ुबुल कर लिया ”*

 * * "अस्सलामो अलैका , इब्ने रसूल अल्लाह..." और ग्यारह मासूम लोगों के लिए जे़यारत पढ़ी *

 * * "और फिर मुस्कुराते हुए, मैंने इस बुढ़े से पूछा ... पदम, क्या तुम्हें अपना ज़माने का इमाम पता है ... *?"
  
 * Old "बूढ़े आदमी ने जवाब दिया: मैं क्यों नहीं  पहचानता ...?"

 युवक ने कहा, "फिर अपने इमाम को सलाम करो।"  कमजोर आदमी ने उसके सीने पर हाथ रखा और कहा, " अस्सलामो अलैका या हुज्जत इब्न अल-हसन-अस्करी।"
 जवान ने एक नज़र उस बुढे पर डालि और मुस्कुरा कर अपना हाथ उस बुढ़े के सीने पर रखा और जवाबे सलाम दिया. (खुद इमाम अ. थे) !


 * ऐसा न हो कि इमाम ज़माना अ. हमारे करीब हो और हम आपको न पहचानें ..." *

 * * "इमाम ज़माना अजल अल्लाह  फराज अल-शरीफ ने कहा ..." यह आवश्यक नहीं है कि हम आपको मिलने का समय दें। तुम तहज़ीबे नफस करो हम ख़ुद तुम से मीलनें आएंगे।

  * तो एक बात निश्चित है, आत्मा और चरित्र की पवित्रता   इमाम (अ.स.) से मुलाक़ात की शतॆ है।"
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 * 📚 संदर्भ "इरफान बहजत: पीपी। 154-156" *
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*✨✨✨✨✨ ﷽✨✨✨✨*
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☑ *داستان نمبر _60*
*ایک خوبصورت داستان* 
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*✍🏻"ایک ضعیف شخص حرم میں داخل ہوا، اور اپنے برابر میں بیٹهے ہوئے جوان سے بولا۔۔۔مجهے پڑهنا نہیں آتا کیا تم میرے لئے زیارتنامہ پڑهوگے تاکہ میں سنوں۔۔؟ اس جوان نے خوشی خوشی قبول کرکے زیارتنامہ پڑهنا شروع کردیا"*

*🔹"السلام علیک یابن رسول اللہ...." اور گیارہ معصومین تک زیارتنامہ پڑها"*

*🔹"اور پهر مسکراتے ہوئے اس آدمی سے پوچها۔۔ پدرم، اپنے امام زمانہ پہچانتے ہو۔۔؟*
  
*🔹"بوڑهے آدمی نے جواب دیا: کیوں نہیں پہچانونگا۔۔؟*

*🔹جوان بولا۔۔تو پهر اپنے امام کو سلام کرو۔۔ ضعیف شخص نے اپنا ہاتھ اپنے سینہ پر رکها اور کہا۔۔"السلام علیک یاحجہ بن الحسن العسکری۔۔"*
 
*🔹"جوان نے ایک نظر بوڑهے پر ڈالی۔۔ اور مسکرا کر اپنا ہاتھ اس آدمی کے شانہ پر رکها اور کہا "وعلیک السلام ورحمه اللہ و برکاته۔۔"*

*🔹"کہیں ایسا نہ ہو کہ امام زمانہ عج ہمارے قریب ہوں اور ہم آپ کو نہ پہچانیں۔۔"*

*🔹"امام زمانہ عجل اللہ تعالٰی فرج الشریف  نے فرمایا۔۔"ضروری نہیں کہ ہم تمہیں ملاقات کے لئے وقت دیں تم تہذیب نفس (نفس کی پاکیزگی) کرو۔۔۔ہم خود تم سے ملاقات کے لئے آئیں گے"*

 *🔹"پس ایک بات ثابت ہے امام(؏) کی زیارت کے لئے نفس و کردار کی پاکیزکی شرط ہے"*
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*📚حوالہ"عرفان بہجت:صفحہ154-156"*
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*📿امام_زمانہ (عج) کے ظھور  میں  تعجیل  کے لئے صلوات___ألـلَّـھُــــــمَــ ؏َـجــــــــــِّـلْ لِوَلــــــیِـڪْ ألــــــــــْـفـــــَـرَج!📿*
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