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dastan no 17

* ﷽✨✨✨✨ *
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 _ * कहानी नंबर _17 *
 * * "सबसे अच्छी दोवाओं में से एक" *
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 * * शोएब इमाम सादिक़ (अ.स.) के शिष्य थे। एक दिन वह इमाम (अ.स.) की सेवा में आए और उनसे अपने ज़रुरत को दुर करने के लिए दुआ कर ने को कहा। और बोले मैं इस उद्देश्य के लिए कुछ रिश्तेदारों के पास गया लेकिन मेरे रिश्तेदारों ने मेरी मदद नहीं की !! इमाम सादिक (अ.स.) ने कहा कि अल्लाह ने तुम्हें ऐसी दौलत दिया है ("इमामत और मोहब्बते , विलायत")  यह बेहतर है कि मैंने जिसे आपसे लिया है ("इस दुनिया की संपत्ति") शोएब ने कहा !!  ऐ मौला मेरे लिये दुआ करें कि  ख़ोदा मुझे लोगों का ज़रुरत मंद ना बनाये! इमाम ने फरमाया तुमहारी ये दुअा सही नहीं है, बल्कि लोगों की  ज़रूरतें उसके सेवकों को पूरी करनीहोती हैं।  लेकिन प्रार्थना करें कि ईश्वर आपको दुष्टों और अधर्मी लोगों की आवश्यकता से मुक्ति दिलाये।  *
 * ⊰⊰✿✿⊱⊱ ┈┈ ••   संदर्भ "दास्तान है उसूल कफी, मोहम्मद मोहम्मदी इशतेहारदी पृष्ठ 488 *
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*✨✨✨✨✨ ﷽✨✨✨✨*
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*📖"ايك بہترين دعا"*
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*"✍🏻 شعيب حضرت امام صادق عليہ السلام كے شاگرد تھے ايک دن امام عليہ السلام كى خدمت ميں حاضر ہوۓ اور عرض كى!! يا مولا(؏) ميں آپ كے ارادتمندوں اور شيعوں ميں سے ہوں ميں كچھ دنوں سے حاجتمند ہوا اور اس غرض سے چند رشتہ داروں كے پاس گيا ليكن ميرے رشتہ داروں نے ميرى كوئى مدد نہيں كى!! اس پر امام صادق عليہ السلام نے فرمايا كہ وہ جو خداوند متعال نے تمہيں عطا كيا ہے ("امامت و ولايت عشق") وہ اس سے بہت بہتر ہے جو تم سے ليا ہے("مالِ دنيا") شعيب نے عرض كى!! يا مولا(؏) ميرے لئے دعا كريں كہ خدا مجھے ان لوگوں سے بے نياز كر دے۔ امام صادق عليہ السلام نے فرمايا كہ خدا وند متعال نے جب سے انسان كو خلق كيا ہے اس كو اس طور پر بنايا ہے كہ اس كى ضروريات اس كے بندوں كے ہاتھوں ہى پورى ہوں۔ پس يہ دعا درست نہيں ہے بلكہ يہ دعا كرو كہ خدا تجھے شرير اور بے دين لوگوں كى محتاجى سے نجات دے_!!*
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*📚حوالہ"داستان ہاى اصول كافى،محمد محمدى اشتہاردى، ص، ۴۸۸"*
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*📿امام_زمانہ (عج) کے ظھور  میں  تعجیل  کے لئے صلوات___ألـلَّـھُــــــمَــ ؏َـجــــــــــِّـلْ لِوَلــــــیِـڪْ ألــــــــــْـفـــــَـرَج!📿*
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अमाले शबे कद्र हिंदी,amaal e shab e qadr in hindi,

Amaal-e-Shab-e-Qadr in Hindi* उन्नीसवी रात यह शबे क़द्र की पहली रात है और शबे क़द्र के बारे में कहा गया है कि यह वह रात है जो पूरे साल की रातों से अधिक महत्व और फ़ज़ीलत रखती है, और इसमें किया गया अमल हज़ार महीनों के अमल से बेहतर है शबे क़द्र में साल भर की क़िस्मत लिखी जाती है और इसी रात में फ़रिश्ते और मलाएका नाज़िल होते हैं और इमाम ज़माना (अ) की ख़िदमत में पहुंचते हैं और जिसकी क़िस्मत में जो कुछ लिखा गया होता है उसको इमाम ज़माना (अ) के सामने पेश करते हैं। इसलिए हर मुसलमान को चाहिए कि इस रात में पूरी रात जागकर अल्लाह की इबादत करे और दुआएं पढ़ता रहे और अपने आने वाले साल को बेहतर बनाने के लिए अल्लाह से दुआ करे। शबे क़द्र के आमाल दो प्रकार के हैं: एक वह आमाल हैं जो हर रात में किये जाते हैं जिनको मुशतरक आमाल कहा जाता है और दूसरे वह आमाल हैं जो हर रात के विशेष आमाल है जिन्हें मख़सूस आमाल कहा जाता है। वह आमाल जो हर रात में किये जाते हैं 1⃣ *ग़ुस्ल* (सूरज के डूबते समय किया जाए और बेहतर है कि मग़रिब व इशा की नमाज़ को इसी ग़ुस्ल के साथ पढ़ा जाय) 2⃣ दो रकअत नमाज़, जिसकी हर रकअत में एक बार सूरह *

बकरा ईद की नमाज़ का तरीक़ा।

 बकरा ईद की नमाज़* १. बकरा ईद की नमाज़ को जमाअत  के अलावा फुरादा नमाज़ करके भी अदा किया जा  सकता है । २.बकरा ईद की नमाज़ ज़ोहर से पहले कभी भी पढ़ी जा सकती है । ३. ये दो रकात की नमाज़ होगी  बस नियत करें की *नमाज़ ए बकरा ईद  पढ़ता हूं सुन्नत कुरबतन इल्लल्लाह* । पहली रकात में सुर ए अलहमद के बाद  सुरा ए अल-आला पढ़ें  *बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निररहिम* *सब्बे हिसमा रब्बिकल आ’ला अल्लज़ी ख़लक़ा फ़सव्वा वल्लज़ी क़द दरा फ़हादा वल्लज़ी अख़रजल मर’आ फजा'अलहु ग़ोसाअन अहवा सनुक़रेओका फला तनसा, इल्ला माँशा'अल्लाहो इन्ना हु यालामुल जहरा वमा यखफ़ा वनोयस्सीरुका लिल्युसरा फज़क्किर इन नफ़ा'अतिज़्ज़िकरा सयज़्ज़क्करो मयीं यख़शा व यतजन्नबोहल अशक़ा अल्लज़ी यस्लन नारल कुबरा सुम्मा ला यमूतो फीहा वला यहया क़द अफ़लहा मन तज़क्का वज़ाकरस मा रब्बेही फसल्ला बल तुअसेरूनल हयातद दुनिया वल आखीरतु खैरुन व अबक़ा इन्ना हाज़ा लफीस्सुहुफिल ऊला सुहुफ़े इब्राहीमा वा मूसा* । इसके बाद 5 बार तकबीर ‌*अल्लाह हो अकबर * कहे और हर तकबीर के बाद हाथ उठाकर नीचे दी हुई दूआ पढे़ याद रहे 5 बार पढ़नी है ये दुआ  *अल्ला हुम्मा अहलल किब

amal e shabe 15shbaan

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 🎍💐🌹आमाले शब-ए-बारात  🌹💐🎍 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 पन्द्रहवीं शब के आमाल की फजीलत बहुत है इस शब गुस्ल करे और इस शब की बरकतों में एक यह भी है कि इस रात इमाम मोहम्मद मेंहदी अलैहिस्सलाम की विलादत हुई है  🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 💐इस रात में कुछ नमाजे और कुछ दुआए है जो हम को अदा करनी चाहिए 🌹🌹जैसे🌹🌹⤵️ 💐इन को अदा करने के दो तरीके हैं ⤵️ 💐पहला तरीका है के दो दो कर के दस रकात नमाज़ पढ़े हर रकात में सूर-ए-फातिहा यानी सुर-ए-हम्द के बाद दस बार सूर-ए-कुल-हो-वल्लाह पढ़े  💐दूसरा तरीका है के दो दो कर के चार रकात नमाज़ पढ़े हर रकात में सूर ए फातिहा यानी सुर-ए-हम्द के बाद सौ बार सुर-ए-कुल-हो-वल्लाह पढ़े                  💐इस नमाज़ की नीयत इस तरह करे ⤵️ 💐दो रकात नमाज पढता / पढ़ती हूँ ( निमे शाबान कुर - बतन इलल्लाह ) 💐और इस तरह इस नमाज़ को अदा करे फिर तस्बी-ए-फातिमा पढ़े 🌹💐🌹💐🌹💐🌹💐🌹💐🌹💐 💐अब इस के बाद में कुछ तस्बी है जो हम को अदा करनी है ⤵️ 💐(1)💐  सुब्हानाल्लाह 💐(2) 💐अल्हम्दो लिल्लाह  💐(3) 💐अल्लाहो अकबर 💐(4) 💐ला इलाहा इल्लल्लाह 💐इमाम मुहम्मद बाक़