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रमज़ान में मिलने वाले ईनाम dastan no 23

* ﷽✨✨✨✨ *
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 * * "कहानी नंबर _23 *
 * Daily "बिना एजाफी काम के रमज़ान में रोज़ाना 21600 अच्छे कामों का इनाम ..." *
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 * * "अयातुल्ला शेख जाफर शुश्तरी अपने वाज़  में पवित्र पैगंबर (अ,) के खुतबे  के एक जुमले  के बारे में कहा करते थे (अन्फासकुम  फीहे  तसबीहुन): रमजान में  हर सांस को तसबीह का सवाब खोदा वंदे आलम अता करता है , दिन व रात में दूसरी इबादत जैसे जिक्रे खोदा , नमाज़, कुरान का पढ़ना, इतने सारे अच्छे कामों को दर्ज किया जाता है। यदि कोई व्यक्ति वास्तव में इस पवित्र महीने में अल्लाह  का मेहमान है और उसने अपनी इच्छाओं को ठुकरा दिया है, तो इस पवित्र महीने के अंत में, उसके दामन में किस कद्र खोदा वंदे आलम अच्छाइयां लिख देगा और बुराइयों को मिटा देगा,इस लिए हम सब को चाहिए कि महे मुबारक रमज़ान की बरकत से अपने नामे आमाल में अच्छाइयों को ज़ख़ीरा कर लें और गुनाहों से तौबा कर लें खोदा इस महीने की बरकत से हमें बख्श देगा .. "और हमें अपने नेक बन्दों में शुमार करेगा *
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 * संदर्भ: अयातुल्ला सैयद अब्दुल हुसैन दस्तगीब शिराज़ी के शाबानिया भाषणों के शरह प्रवचन "*
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*✨✨✨✨✨ ﷽✨✨✨✨*
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*📖"رمضان میں بغیر اضافی محنت روزانہ 21600 نیکیوں کا ثواب۔۔"*
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*✍🏻"آیت اللّه شیخ جعفر شوشتری اپنے مواعظ میں رسول خدا (ص) کے خطبۂ شعبانیہ کے ایک جملے (انفاسکم فیہ تسبیح) یعنی رمضان میں ہر سانس تسبیح کا ثواب ر کھتی ہے کے بارے میں فرماتے تھے کہ" شب و روز میں دیگر عبادات ذکرِ خدا، دعا، نماز تلاوت قرآن کے علاوہ اتنی مقدار میں نیکیاں درج کی جاتی ہیں اگر اس مبارک مہینے میں واقعی خدا کا مہمان رہا ہو اور اپنی نفسانی خواہشات کو ٹھکرا دیا ہو تو اس ماہ مبارک کے اختتام پر اس کا دامن نیکیوں سے کس قدر بھر چکا ہوگا۔۔"*
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*📚حوالہ: شرح خطبۂ شعبانیہ تقریرات آیت اللّه سید عبدالحسین دستغیب شیرازی"*
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*📿امام_زمانہ (عج) کے ظھور  میں  تعجیل  کے لئے صلوات___ألـلَّـھُــــــمَــ ؏َـجــــــــــِّـلْ لِوَلــــــیِـڪْ ألــــــــــْـفـــــَـرَج!📿*
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