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जिन्नों का पानी पिलाना dastan no 25

* ﷽✨✨✨✨ *
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 _ * कहानी नंबर _25 *
 * * "जिन्नों का पानी पिलाना " *
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 * ✍🏻 "कुछ लोग मोमेनीन में से  किसी यात्रा पर निकले। दूरदराज के इलाके में उनका पानी  समाप्त हो गया और बहुत ज़यादा प्यासे  हो गए। यहां तक ​​कि मरने की हालत में पहोंच गए, इसी दौरान एक बूढ़े आदमी जो सफेद पोशाक  मैं उसे अपने पास आते देखा। जब वह करीब आया, तो मैंने देखा कि उसके हाथों में एक बड़ी मश्क थी जो पानी से भरी थी। मोमनीन ने  पेट भर कर पानी पी लिया और वे सैराब हो गए।  फिर उसने बूढ़े व्यक्ति से पूछा, "तुम कौन हो?" बूढ़े व्यक्ति ने कहा, "मैं जिन्न से हूं, और मैंने रसूल ए खुदा के हाथों पर बैय्यत की  है, , और मैंने पैगंबर से सुना,था  कि  एक मोमिन दूसरे मोमिन का भाई है।और रक मोमिन दूसरे मोमिन का रहेनुमा होता है , , इसलिए जब एक मोमिन भाई हलक या गुमराह हो रहा हो ,तो दूसरे मोमिन का हक बनता है की दूसरे की मदद करे , इसलिए आप लोग मेरे होते हुए हलाक नहीं हो सकते।  "*( ग़ौर तलब बात है ,की रक जिन्नात को ये बात समझ में आती है कि रक मोमिन का दूसरे मोमिंवपर हक बनता है लेकिन अशरफुल मखलुकात इंसान को ये समझ में नहीं आया कि रक दूसरे से हसद करने से अच्छा है कि हम रक दूसरे की मदद करें जिस से हमारा खोदा ,रसूल,और इमाम खुश रहें और हमारी ज़िन्दगी का मकसद भी पूरा होता रहे ।
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 * संदर्भ "दास्तान-ए-हई उसुल-ए-कफी, मोहम्मद मोहम्मदी इश्तेहारदी पी,464
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*✨✨✨✨✨ ﷽✨✨✨✨*
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*📖"جنوں كا پانى پلانا"*
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*✍🏻"چند افراد مومنين ميں سے كسى سفر پر نكلے۔ دور دراز علاقے ميں ان كا پينے كا پانى ختم ہو گيا اور شديد پياس ميں مبتلا ہوگئے۔ يہاں تک كہ مرنے كے قريب آگئے، اسى دوران ايک بوڑھے شخص كہ جو سفيد لباس ميں تھا اس كو ديكھا كہ وہ ان كے نزديک  آرہا ہے!!۔ جب قريب آيا تو ديكھا كہ اس كے ہاتھوں ميں ايک بڑى مشک جو پانى سے بھرى ہوئى تھى موجود تھى۔ ان مومنين نے پيٹ بھر كر پانى پيا اور سيراب ہو گئے۔ پھر اس بوڑھے شخص سے پوچھا كہ آپ كون ہيں؟ اس بزرگ نے كہا كہ ميں جنّات سے ہوں اور ميں نے رسول خدا(ص) كے ہاتھ پر بيعت كى ہوئى ہے اور ميں نے رسول اكرم (ص)سے سنا تھا كہ مومن مومن كا بھائى ہوتا ہے اور ايک مومن دوسرے مومن كا رہنما ہوتا ہے پس جب كوئى مومن بھائى ہلاک يا گمراہ ہو رہا ہو تو دوسرے مومن كا حق بنتا ہے كہ اپنے مومن بھائى كى مدد كرے!!۔ پس ميرے ہوتے ہوۓ تم لوگ تباہ نہيں ہو سكتے۔"*
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*📚حوالہ"داستان ہاى اصول كافى،محمد محمدى اشتہاردى، ص، ۴۶۴"*
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*📿امام_زمانہ (عج) کے ظھور  میں  تعجیل  کے لئے صلوات___ألـلَّـھُــــــمَــ ؏َـجــــــــــِّـلْ لِوَلــــــیِـڪْ ألــــــــــْـفـــــَـرَج!📿*
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