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मौला अली (अ,)का दावा सलोनी और एक अनोखा सवाल ।dastan no 26

* ﷽✨✨✨✨ *
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 _ * कहानी नंबर _26 *
 *  "मौला अली  (؏) का दावा सलोनी और एक अनोखा सवाल?" *
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 * * "एक दिन हज़रत अली (अ,) ने बसरा मस्जिद के मिंबर पर खुतबा देते हुए कहा !!" सलोनी ,सलोनी क़ब्ल अन तफकिदूनी "" जो कुछ भी तुम मुझसे पूछना चाहते हो मुझसे पूछो इस से पहले की में तुम्हारे दरमियान से चला जाऊं"!! एक शख्स दरमियान से खड़े होकर सवाल करता है अये आमिर अल-मुमीनिन (अ,) इस समय जिब्राईल  (अ,) कहाँ है ?? मोला अली (अ.स.) ने आसमान की तरफ देखा, फिर अपने दायें और बायें की ओर देखा और कहा तुम जिब्राईल हो  ___ उस वक़्त जिब्राइल  ने परवाज़ की और मस्जिद की  छत को फ़ाड़ कर चला गया !! इस घटना को देखकर लोगों ने अल्लाहु अकबर ,की सदा बुलंद की  और कहा !!! हे अमीर अल-मुमीनिन (अ,) !!! आपको कैसे पता चला कि वह जिब्राईल (अ,) है?अमीर अल मोमनिन (अ,) !!!    ने कहा, "जब मैंने आकाश को देखा, तो मेरे आंखों ने आकाश की सभी परतों, यहां तक ​​कि सिंहासन, फर्श और कुर्सी को भी देखा, लेकिन मैंने इसे नहीं देखा, फिर ज़मीन के सभी कोनों में नजर की लेकिन ना पाया ।"  , इसलिए मैं समझ गया कि यही जिब्राईल  (अ,)  है! (सोंकेने वाली बात है जो अली (अ,) चंद लम्हों में पूरी कायनात पर नजर कर सकता है क्या वो हमारे अमल पर निगाह ना रखता होगा । यकीनन आपकी निगाहें हमारे हर अमल पर होती है इसलिए इमाम के हकीकि मोहब्बत के लिए ज़रूरी है कि हम पहेली अपने अमल को नेक बनाएं और फिर मोक़द्दस हस्तियों से मोहब्बत का दावा करें ताकि वो भी हमें अपना पैरोकार कह सकें ) ।
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 * संदर्भ ,अल अनवारूल नोमाना जिल्द 1,सफा,32,*
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*✨✨✨✨✨ ﷽✨✨✨✨*
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*📖"مولا علی(؏) کا دعویٰ سلونی اور ایک انوکھا سوال؟"*
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*✍🏻"ایک دن مولا علی علیہ السلام نے مسجد بصرہ کے منبر پر خطاب کے دوران فرمایا!! "ســلونی قبــل ان تفقــدونــی" "میرے فقدان سے قبل جو کچھ مجھ سے پوچھنا چاہتے ہو پوچھ لو" ایک شخص کھڑا ہو کر سوال کرتا ہے!! اے امیر المومنین(؏) اس وقت جبرائیل(؏) کہاں ہے؟؟ مولا علی علیہ السلام نے آسمان کی طرف نگاہ دوڑائی، پھر اپنے دائیں بائیں دیکھا اور فرمایا___ تــم جبــرائیــل ہــو ___ اس وقت اس نے پرواز کی اور مسجد کی چھت کو شگافتہ کرتا ہوا چلا گیا!! یہ واقعہ دیکھ کر لوگوں نے فریاد الله اکبر بلند کی اور کہا !!! اے امیر المومنین(؏)!!! آپ کو کہاں سے معلوم ہوا کہ وہ جبرائیل(؏) ہے؟؟ امیر المومنین علیہ السلام نے فرمایا!!! "جب میں نے آسمان کی طرف دیکھا تو میری نگاہ نے تمام طبقات آسمان حتیٰ کہ عرش و فرش و کرسی تک کی مسافت طے کی، لیکن اسے نہ دیکھا،، پھر زمین کے تمام گوش و کنار میں دیکھا،، اسے نہ پایا تو میں سمجھ گیا کہ جبرائیل(؏) یہی ہے"*
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*📚حوالہ"الانـوارالنعمــانہ، جــلد، ١ صفحــہ، ٣٢ مناقب اہل بیت، جلد، ٣صفحہ، ٤٢٦"*
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*📿امام_زمانہ (عج) کے ظھور  میں  تعجیل  کے لئے صلوات___ألـلَّـھُــــــمَــ ؏َـجــــــــــِّـلْ لِوَلــــــیِـڪْ ألــــــــــْـفـــــَـرَج!📿*
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