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ऐसी रिवायत जो हमारी निजात केलिए काफी है।dastan no 39

* ﷽✨✨✨✨ *
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 _ * कहानी नंबर _39 *
 * ऐसी रिवायत जो हमारी निजात के लिए काफी है?" *
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 * * "कुफ़ा के शियाओं में से एक ने इमाम सादिक (अ.स.) से  सलाह देने के लिए कहा, इमाम सादिक (अ.स.) ने कहा !!" मैं आप सबको तक़्वा इलाही और अल्लाह ताला की इताअत और गुनाहों से दूरी की वसीयत करता हूं , और ये भी वसीयत करता हूं कि हमारे लिए खामोश और सकित मोबॉलाई यानी तबलीग़ करने वाले बनो ,, "उन्होंने पूछा" "हम लोगों को खामोशी से कैसे आपकी तरफ दावत दे सकते हैं?" इमाम सादिक (अ.स.) ने कहा !!  दोस्ती, अदालत और विश्वास वाले लोगों के साथ किरदार पेश करें।  यदि लोग आपकी अच्छाई को नहीं समझते हैं, तो वे आपकी रफ्तार को देखेंगे और कहेंगे !!!  अल्लाह उनके आइम्मा (अ,)  पर रहेमट करें कि उन्होंने अपने असहाब की कितनी  अच्छी तरबियत की है !!अगर हम ने अपने किरदार को नेक कर लिया तो हमारे इमाम (अ,)और खोदा हम से राज़ी हो जाएगा।
 * ⊰⊰✿✿⊱⊱ ┈┈ •• *  संदर्भ "दाएम-उल-इस्लाम, खंड 1, पृष्ठ 55 *
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*✨✨✨✨✨ ﷽✨✨✨✨*
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*📖" ایسی روایت جو ہماری نجات کیلئے کافی ہو؟"*
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*✍🏻"کوفه کے شیعوں میں سے حضرت  امام‌ صادق علیه‌السلام سے چاہا کہ ہمیں نصیحت کریں،!! حضرت امام  صادق علیہ السلام نے فرمایا!! "میں آپ سب کو تقوای الهی اور اللہ تعالی کی  اطاعت اور گناہوں سے دوری کی وصیت کرتا ہوں اور یہ بھی وصیت کرتا ہوں  که ہمارے لئے خاموش اور ساکت مُبلّغ یعنی تبلیغ کرنے والے بنو،" انھوں نے پوچھا!! " کس طرح ہم خاموشی سے، لوگوں کو آپکی طرف دعوت دیں؟" امام صادق علیه السلام نے فرمایا!! "لوگوں کے ساتھ دوستی، عدالت و امانت کے ساتھ معاملہ کرو. اگر لوگ آپکی اچھائی کو درک نہیں کرتے تو آپ کی رفتار کو دیکھ کر کہیں گے !!! خداوندمتعال انکے آئمہ علیھم السلام پر رحمت فرمائے که کس طرح انھوں نے اپنے اصحاب کی  تربیت کی ہے!!"*
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*📚حوالہ"دعائم الاسلام ، جلد، ۱ صفحه، ۵۵"*
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*📿امام_زمانہ (عج) کے ظھور  میں  تعجیل  کے لئے صلوات___ألـلَّـھُــــــمَــ ؏َـجــــــــــِّـلْ لِوَلــــــیِـڪْ ألــــــــــْـفـــــَـرَج!📿*
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