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* "दूसरों के गुनाहों पर परदा पोशी करना। " dastan no 42

 ﷽✨✨✨✨ *
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 * कहानी नंबर _42 "*
 * "दूसरों के गुनाहों पर परदा पोशी करना। " *
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 * * एक दिन हज़रत मुहम्मद (SAW) ने हज़रत इमाम अली (अ.स.) से पूछा !!  अगर आप किसी आदमी को गुनाह करते हुए देखेंगे तो क्या करेंगे !! हज़रत मौला अमीर अल-मुमीन (अस,) ने जवाब दिया !!  मैं इसे छुपाऊंगा !!  नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फिर से पूछा !!  अगर आप उसे फिर से गुनाह करते हुए देखेंगे तो आप क्या करेंगे? !!  मौला (अस,) ने पिछला जवाब दोहराया !!  मैं इसे छुपाऊंगा !!  पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने तीसरी बार कहा !!  मौला अमीर अल-मुमीनिन ने तीसरी बार एक ही जवाब दिया, मैं इसे छिपाऊंगा !!  हज़रत मुहम्मद (SAW) ने कहा !!  अली (अस) के अलावा कोई जवान मर्द नहीं है !!  फिर हज़रत मुहम्मद (सल्ल।) ने अपने साथियों से मुखातिब होकर फरमाया  !!  अपने भाइयों के लिए परदा पोशि किया करो"*(लेकिन आज दुनिया में हम देखते हैं कि गुनाहों को छुपाना दूर की बात है अगर हमें कोई चीज मालूम हो जाती है किसी के बारे में तो जब तक उसको सबको बता नहीं देते हमें सुकून ही नहीं मिलता अगर हम भी इसी तरह हो जाएं तो हम रसूल के मानने वाले नहीं हो सकते दुनियां परस्त ज़रूर हो सकते हैं।खोदा हमें दुनिया परस्ती से दूर रखे इलाही अमीन।) 
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 * A संदर्भ मुस्तदरक अल-वासाइल, जिल्द 12, सफा, 426 "
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*✨✨✨✨✨ ﷽✨✨✨✨*
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*📖✨دوسروں کے گناهوں پر پردہ پوشی کرنا"*
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*✍🏻✨ایک دن حضرت محمد (ص) نے حضرت  امام علی(؏) سے سوال کیا!! اگر آپ ایک مرد کو گناہ کرتے ہوۓ دیکھیں تو کیا کریں گے!!؟حضرت مولا امیرالمؤمنین(؏) نے جواب دیا!! اس کو چھپاؤں گا!! حضرت  رسول الله صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم نے دوباره پوچھا!! اگر آپ دوباره اسکو گناہ کرتے دیکھ لیں تو کیا کریں گے!!؟ مولا(؏) نے پہلے والا جواب دھرایا!! اس کو چھپاؤں گا!! حضرت رسول الله صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم نے تیسری مرتبہ فرمایا!! مولا امیرالمؤمنین علیہ السلام نے تیسری مرتبہ بھی یہی جواب دیا چھپاؤں گا!! حضرت محمد (ص) نے فرمایا!! عـــلی(؏) کے علاوہ کوئی جوانمرد نہیں ہے!! پھر حضرت محمد صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم نے اصحاب کو مخاطب ہو کر فرمایا!! اپنے برادران کیلۓ پرده پوشی کیا کریں"*
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*📚 حوالہ✨مستدرک الوسائل ، ج ۱۲ ، ص, ۴۲۶"*
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*📿امام_زمانہ (عج) کے ظھور  میں  تعجیل  کے لئے صلوات___ألـلَّـھُــــــمَــ ؏َـجــــــــــِّـلْ لِوَلــــــیِـڪْ ألــــــــــْـفـــــَـرَج!📿*
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🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 🎍💐🌹आमाले शब-ए-बारात  🌹💐🎍 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 पन्द्रहवीं शब के आमाल की फजीलत बहुत है इस शब गुस्ल करे और इस शब की बरकतों में एक यह भी है कि इस रात इमाम मोहम्मद मेंहदी अलैहिस्सलाम की विलादत हुई है  🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 💐इस रात में कुछ नमाजे और कुछ दुआए है जो हम को अदा करनी चाहिए 🌹🌹जैसे🌹🌹⤵️ 💐इन को अदा करने के दो तरीके हैं ⤵️ 💐पहला तरीका है के दो दो कर के दस रकात नमाज़ पढ़े हर रकात में सूर-ए-फातिहा यानी सुर-ए-हम्द के बाद दस बार सूर-ए-कुल-हो-वल्लाह पढ़े  💐दूसरा तरीका है के दो दो कर के चार रकात नमाज़ पढ़े हर रकात में सूर ए फातिहा यानी सुर-ए-हम्द के बाद सौ बार सुर-ए-कुल-हो-वल्लाह पढ़े                  💐इस नमाज़ की नीयत इस तरह करे ⤵️ 💐दो रकात नमाज पढता / पढ़ती हूँ ( निमे शाबान कुर - बतन इलल्लाह ) 💐और इस तरह इस नमाज़ को अदा करे फिर तस्बी-ए-फातिमा पढ़े 🌹💐🌹💐🌹💐🌹💐🌹💐🌹💐 💐अब इस के बाद में कुछ तस्बी है जो हम को अदा करनी है ⤵️ 💐(1)💐  सुब्हानाल्लाह 💐(2) 💐अल्हम्दो लिल्लाह  💐(3) 💐अल्लाहो अकबर 💐(4) 💐ला इलाहा इल्लल्लाह 💐इमाम मुहम्मद बाक़