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रिश्तेदारों से अच्छे अखलाक परवरदिगार की नज़र रहेमत का सबब बनता है।dastan no,27

* ﷽✨✨✨✨ *
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_ * कहानी नंबर _27 *
*  "सभी परिस्थितियों में सेलाह रहेम आवश्यक है" *
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* * "एक दिन एक आदमी इमाम सादिक़ (अ.स.) की खि़दमत में आया और अपने रिश्तेदारों की शिकायत करने लगा !! !! इमाम (अ.स.) ने अपने ग़ुस्से पर का़बू रखने के लिए कहा !! इस आदमी ने कहा कि मेरे रिश्ते दार मेरे साथ जो करना चाहें कर गुज़रते हैं तो इस के जवाब में मैं कुछ भी ना करूं ?इमाम (अ,)ने फरमाया के तू क्या चहेता है की इनकी तरह बन जाओ और खु़दा  वंदे मोताल तुम से नजरें करम उठा ले । (इसलिए हमें चाहिए कि हम अपने रिश्तेदारों से हमेशा अच्छे अखलाक से पेश आऐं और अगर वो बतुम्हरे साथ बुराई भी करें तो भिंतुम उनके साथ अच्छाई करो कियों की जो रिश्तेदारों से कता ताल्लुक करता है खोदा उसकी उम्र को कम कर देता है और अपनी बरकतों को दूर कर देता है )
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* संदर्भ: "दस्तानाई उसूल काफ़ी, मोहम्मद मोहम्मदी इश्तारदी, पृष्ठ 462।"
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*✨✨✨✨✨ ﷽✨✨✨✨*
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*📖"صلہ رحمى ہر حال ميں ضرورى ہے"*
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*✍🏻"ايک دن ايک شخص امام صادق عليہ السلام كى خدمت ميں حاضر ہوا اور اپنے رشتہ داروں كے شكوہ شكايت كرنے لگا!!۔ امام عليہ السلام نے فرمايا كہ اپنے غضب پر قابو ركھو!!۔ اس شخص نے كہا كہ ميرے رشتہ دار ميرے ساتھ جو كرنا چاہيں كر گزرتے ہيں تو اس كے جواب ميں ميں كچھ بھى نہ كروں؟ امام عليہ السلام نے فرمايا كہ تو كيا چاہتا ہے كہ ان كى طرح بن جاؤ اور خدا وند متعال تم سے نظر كرم اٹھا لے"؟*
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*📚حوالہ"داستانہاى اصول كافى،محمد محمدى اشتہاردى، ص، ۴۶۲"*
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*📿امام_زمانہ (عج) کے ظھور  میں  تعجیل  کے لئے صلوات___ألـلَّـھُــــــمَــ ؏َـجــــــــــِّـلْ لِوَلــــــیِـڪْ ألــــــــــْـفـــــَـرَج!📿*
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