फिरौन का मसखरा बाज़,
फिरौन के दरबार में एक मसख़रा बाज़ था जिसका काम दूसरों का मज़ाक उड़ाना था, ख़ासकर मूसा और उनके आसपास के लोगों का। एक दिन, मूसा (pbuh) और उनका भाई हारून फिरौन की हेदायत करने के लिए उसके महल में आए। मसख़रा बाज़ महल के दरवाजे पर आया और उनसे पूछा कि वे कौन हैं, और क्या चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अल्लाह के भेजे , मूसा और हारून हैं, और उनके हाथों में एक असा और उनके सर पर टोपी है। फौरन मसख़रा बाज़ महल में आया और उनने कपड़ों के समान कपड़े पहने और फिरौन के पास आया। फिरौन ने हँसते हुए उससे पूछा, "यह तुमने क्या पहना है?" उन्होंने कहा, "यह मूसा का पहनावा है जो अब आपके महल में आया है और पैगंबर और हादी होने का दावा करता है।"
फिरौन ने उन्हें प्रवेश करने का आदेश दिया। उन्होंने फिरौन को अपना मोजिज़ा दिखाया और उसे अज़ाबे खुदा से डराया, लेकिन फिरौन ने उनकी नेदाय आसमानी को नहीं सुना और अज़ाबे के लिए काम किया। अज़ाब वह दिन था जब मूसा(अ) ने समुद्र को तोड़कर उसे पार किया था। जब की फिरौन की सेना ने पानी में प्रवेश किया, तो अज़ाबे इलाही ने उन्हें डुबा दिया ,सभी को डुबो दिया, लेकिन उनमें से केवल एक ही बच गया, और वह फिरौन का मसख़रा बाज़ था। मूसा (pbuh) उसके नेजात पर ताज्जूब करते हैैं और अल्लाह से इसका कारण पूछते है।आवाज़े क़ुदरत आती है , ऐ मूसा!" मैं किसी को भी अज़ाब नहीं दूंगा जो मेरे दोस्त होने का दिखावा करता है। ”
(( अनवार नोमानीया।))
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