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असा का इमामत की गवाही देना।dastan no 53

* 🌹✨✨✨ بسمہ تعالی🌹✨✨✨ *

     * 🌻इमामत की गवाही असा का देना🌻🌺 *

         ((दास्तान नंबर 53))


 *समार्रा के क़ाज़ी यहया बिन अक्सम का बयान है कि एक दिन मैं क़ब्रे रसूल का तवाफ कर रहा था तभी मैं ने देखा हजरत इमाम जवाब (अस)भी क़ब्र पैगम्बर का तवाफ कर रहे हैं, , जिसके बाद मैंने कुछ मसाइल में उनसे बहस की, जब उन्होंने  सबका जवाब दे दिया,तो मैंने कहा, "कसम खोदा की , मैं एक और सवाल पूछना चाहता हूं, लेकिन मुझे शर्म आती है।"
 * इमाम (अ.स.) ने कहा: इससे पहले कि आप पूछें, मैं आपको बताऊंगा *
 * आप बस यह जानना चाहते हैं कि इस समय लोगों का इमाम कौन है *
 * याहया: हाँ,  वही है जो मैं जानना चाहता था *
 * इमाम: मैं इस समय का इमाम हूँ *
 * याहया: आपके इमामत की अलामत वा निशानी क्या है? *
 * याहया बयान करता है कि उनके  हाथ में एक असा था। अचानक उन्होंने देखा कि इस असा से एक आवाज़ आई और उसने फसाहत के साथ कहा:
 * यकीनन मेरे मौला इस वक़्त के इमाम और हुज्जत है *यानी इमामत की गवाही बे ज़ुबान लकड़ी भी देती है बस हम इंसान इतने नाकारा हैं कि इमामत को क़ुबूल नहीं करते यानी इससे भी बत्तर हैं।

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 उसुलुल काफी जिल्द 1 पृष्ठ 353 *

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  اللھم صل علي محمد و آل محمد وعجل فرجھم📿 *
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*🌹✨✨✨بسمہ تعالی🌹✨✨✨*

    *🌻🌺عصا نے گواہی دی🌻🌺*




*سامراء کے قاضی یحیی بن اکثم کا بیان ہیکہ ایک دن میں قبر رسول کا طواف کر رہاتھا  تبھی میں نے دیکھا حضرت امام جواد علیہ السلام بھی قبر  پیغمبر کا طواف کر رہے ہیں،اسکےبعدمیں نے کچھ مسائل میں ان سے مناظرہ کیا ،  جب وہ سبکا جواب دے چکے تو  میں نے کہا قسم خدا!کہ میں ایک اور مسئلہ پوچھنا چاہتا ہوں لیکن مجھے شرم آرہی ہے*
*امام علیہ السلام نے ارشاد فرمایا: قبل اسکے کہ تم سوال کرو میں ہی تم کو بتا دیتا ہوں*
*تم یہی معلوم کرنا چاہتے ہونا کہ اسوقت لوگوں کا امام کون ہے*
*یحیی: ہاں، میں یہی دریافت کرنا چاہ رہا تھا*
*امام: اسوقت کا امام میں ہوں*
*یحیی: آپ کے امامت کی علامت و نشانی کیا ہے؟*
*یحیی بیان کرتا ہیکہ آنحضرت کے دست مبارک میں عصا تھا ،اچانک سے دیکھا کہ اس  عصا سے آواز آئی اور فصاحت سے بولا: انَّ مولايَ امامُ هذا الزمانِ وهوالحجةُ*
*یقینامیرامولا اسوقت کے امام اور حجت خدا ہیں*

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*📚1۔اصول الكافي جلد1 صفحہ 353*

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*📿اللھم صل علی محمد وآل محمد وعجل فرجھم📿*
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